- यह भाषा कई वर्ष पूर्व अपने समाज को एक नई दिशा देने हेतु भगवान स्वरूप ओत् गुरू कोल लाको ने अथक प्रयास के फलस्वरूप वारङ चिति नामक लिपि की खोज की।यह भाषा वर्तमान समय में उभरती हुई एक भाषा है। खुशी की बात है कि इस भाषा को झारखंड सरकार ने द्वितीय राज भाषा के रूप में मान्यता भाषा
हो भाषा एक परिचय
दी है।
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